23- 05 - 22धारावाहिक मकाफात - ए - अमल episode 7
तबरेज अपने मामू के घर से निकल कर जा ही रहा था तभी उसे सामने आइसक्रीम का ठेला नज़र आया तभी उसने सोचा क्यू ना सबके लिए आइसक्रीम खरीद लू ।
यही सोच कर वो आइसक्रीम के ठेले पर गया तभी उसे सुबह वाली बात याद आ जाती जब उसने जोया को देखा था वो उसे सोच मुस्कुरा रहा था । कि तभी अचानक उसकी कमर पर किसी ने हाथ मारा और कहाँ " हाँ भाई किसके खयालो में खोया हे आइसक्रीम वाला कब से पूछ रहा हे कि कौन सी आइसक्रीम देना हे "
ये सुन तबरेज खयालो की दुनिया से बाहर आता और देखता की वो तो जुनेद हे ।
"अरे वाह तू यहाँ कैसे " तबरेज ने मुस्कुरा कर गले लगाते हुए कहाँ
"तू बता तू किसके खयालो में खोया था , आइसक्रीम वाला बेचारा कब से पूछ रहा था तुझसे की भाई कौन सी आइसक्रीम देना हे लेकिन तू हे कि मन ही मन मुस्कुरा रहा था , किया बात हे मुझे भी नही बताएगा " जुनेद ने कहाँ
"कुछ नही भाई बस ऐसे ही, तू बता यहाँ कैसे आना हुआ " तबरेज ने बात बदलते हुए कहाँ
"बस यूंही आज तुम्हारी भाभी ने लौटते समय आइसक्रीम लाने की फरमाइश की थी । अब भाई बीवी कोइ फरमाइश करे और हम पूरी ना करे तो हमें पूरी रात बाहर सोने का और दिन भर उनकी नाराज़गी देखने का तो शोक नही हे बस इसलिए चले आये " जुनैद ने कहाँ
"हाँ, मैं भी बस घरवालों के लिए ही आइसक्रीम खरीदने आया था , क्यूंकि आज दोनों बहने आयी हे तो सोचा उनके लिए लेता चलु " तबरेज ने कहाँ
"अच्छा, ऐमन और मिराल आयी हे अपने शोहरो के साथ आयी हे या फिर अकेली "जुनेद ने पूछा
"शायद अकेली आयी हे दोनों अनुज बता रहा था । मेरी तो आज बात नही हुयी घर पर, खाना भी मेने दुकान पर मंगा लिया था क्यूंकि मामू आज दुकान नही आये थे इसलिए " तबरेज ने कहाँ
जुनैद कुछ कहता इससे पहले आइसक्रीम वाला लड़का तबरेज और जुनैद को आइसक्रीम देते हुए बोला " भाई आपकी आइसक्रीम "
तबरेज ने दोनौ के पैसे दिए , जुनैद दे रहा था लेकिन तबरेज ने मना कर दिया और कहाँ " ये मेरी तरफ से "
"भाई दो आइसक्रीम और देना हम दोनों के लिए " तबरेज ने कहाँ
"ठीक हे भैया " आइसक्रीम वाले लड़के ने कहाँ
वो दोनों आइसक्रीम लेकर चलने लगे तभी जुनैद बोला " ये आइसक्रीम वाला लड़का हमारे मोहल्ले में ही रहता हे बेचारे का बाप अभी कुछ महीने पहले ही मर गया हार्ट अटैक से दो बहने हे छोटी और और दो भाई यही घर का बड़ा हे , बेचारा इतनी सी उम्र में घर का बोझ बाट रहा हे अपनी माँ के साथ । माँ बेचारी घर घर जाकर काम करती हे । "
"सुन कर अफ़सोस हुआ खुदा सब्र दे इसके घर वालो को और इसे हिम्मत दे ताकि ये अपने घर की दाल रोटी इज़्ज़त से कमा सके । सही हे भाई जब तक बाप होता हे जब तक ही जिंदगी आसान होती हे वो दरख़्त नुमा साया किए रहता हे हरदम अपने बच्चों पर और उसके जाते ही सब लोग मुँह फेर लेते हे फिर वो चाहे कितने ही करीबी रिश्तेदार क्यू ना हो। जो आपको आपके बाप के सामने हाथ का छाला बनाये फिरते थे ।
उसके जाते ही आपको दूध में गिरी मक्खी की तरह निकाल फेकते हे " तबरेज ने कहाँ
"अच्छा छोड़ उसकी बातो को मुझे अब सच सच बता की तू आइसक्रीम के ठेले पर खड़ा किसके खयालो में गुम था और एक अजीब सी चमक तेरे चेहरे पर मेने देखी थी और अब भी तेरी आँखों में वो चमक देख सकता हूँ "जुनैद ने कहाँ
"छोड़ ना यार जुनेद तू तो पीछे ही पड़ गया , एक बार बोला ना कुछ ऐसा नही सोच रहा था बस ऐसे ही दिमाग़ कही और चला गया था "तबरेज ने नज़रे चुराते हुए कहाँ "
"तुझे मालूम होना चाहिए की तू झूठ बिलकुल भी नही बोल सकता और मेरे सामने तो हरगिज़ भी नही बताना यार मुझसे किस बात की शरम मैं तो तेरा लंगोटिया यार हूँ।
बताना कोइ लड़की पसंद आ गयी , बताना यार केसी दिखती हे किया नाम हे , कहा मिली " जुनेद ने उत्सुकता से पूछा
"बस भाई बस , थोड़ा सास तो लेले एक ही सास में सब कुछ पूछ लेगा मुझसे " तबरेज ने कहाँ
"अच्छा, इसका मतलब जरूर कोइ लड़की हे जिसके खयालो में तू खोया उस आइसक्रीम के ठेले पर खड़ा था । मुझे बताना, मेरे साथ साँझा कर शायद मैं तेरी कुछ मदद कर सकूँ " जुनैद ने कहाँ
"रुक जा रुक जा बताता हूँ बिना जाने तो तू मेरी जान छोड़ने से रहा अब जल्दी जल्दी चल तुझे रास्ते में बता दूंगा नही तो आइसक्रीम यही पिघल जाएगी " तबरेज ने कहाँ
"ठीक हे , ठीक हे जैसी आपकी आज्ञा प्रभु , अब बताने का कष्ट करेंगे की वो खुशनसीब कौन हे जिसपर मेरे दोस्त का दिल आ गया हे " जुनैद ने मुस्कुरा कर कहाँ
यार जुनैद तू तो मुझे जानता ही हे कि मेरा जीवन कितना मुश्किलों भरा था । बचपन से लेकर अब तक घर की ज़िम्मेदारी उठाये अपने कंधो पर चल रहा हूँ इस बीच मुझे कभी भी इतनी फुर्सत नही मिली की मैं किसी भी लड़की को आँख उठा कर भी देख सकूँ।
शायद ये मेरी माँ की परवरिश थी की आज तक मेने किसी लड़की को गलत निगाह से नही देखा इस बात का शाहिद ( गवाह ) मेरा पूरा मोहल्ला हे मेने अपने मोहल्ले की हर लड़की को अपनी बहन समझा ।
पर आज जब मैं गाड़ी ठीक करने के लिए बाहर गया तब अचानक मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी उसे देख कर ना जाने क्यू मेरा मन पहली बार किसी लड़की को देखते रहने का कर रहा था।
वो आइसक्रीम के ठेले पर खड़ी थी उसके माथे पर वो परेशानी की शिकन देख लग रहा था की शायद उसकी नज़रे किसी को ढूंढ रही थी । उसका सूखता गला जिसे वो पानी से गीला कर रही थी । और उसके बाल जो स्कार्फ में से निकल कर उसके मुँह पर आकर उसे परेशान कर रहे थे ।
आज पहली बार मेरा मन किसी लड़की से बात करने को किया।
तो फिर तूने बात की उससे क्या नाम था उसका, कहा की रहने वाली थी कही शादी शुदा तो नही थी ।
अरे मैं भी कैसी बाते कर रहा हूँ " नही नही शादी शुदा नही होगी, कुवारी होगी " जुनेद ने तबरेज की बात बीच में ही काटते हुए उत्सुकता से पूछा
"नही पता कौन थी , कहा से आयी थी और कहाँ जा रही थी " तबरेज ने उदास मन से कहाँ
"क्या मतलब नही पता कौन थी और कहाँ से आयी थी , तूने उससे बात नही की, उसका नाम नही पूछा " जुनेद ने पूछा
"नही यार मैं गाड़ी के नीचे लेटा काम कर रहा था और वो मुझसे दूर सडक के उस पार खड़ी थी और कुछ ही देर में गायब हो गयी " तबरेज ने कहाँ
"धत तेरे की इसका मतलब तुम दोनों की कोइ बात नही हुयी, कुछ नाम पता , कुछ भी नही पूछा " जुनेद ने ज़मीन पर ज़ोर से पैर मारकर कहा
"बता तो रहा हूँ वो सडक के उस पार खड़ी किसी का इंतज़ार कर रही थी ज़रूर अपने शोहर का इंतज़ार कर रही होगी, हाँ शोहर का ही इंतज़ार कर रही होगी" तबरेज ने कहाँ
"नही वो शादी शुदा नही हो सकती, देखना यही सच होगा और वो दोबारा तुझे दिखेगी तब तू उससे उसका नाम पूछ लेना और ये भी की वो शादी शुदा हे या नही, नही होगी अच्छा सोचो तो अच्छा होगा " जुनेद ने कहाँ
तबरेज घड़ी में समय देखता हे और कहता हे " अरे सात बज गए , बाते करते करते तो समय का पता ही नही चला और लो घर भी आ गया "
"हाँ यार बाते करते करते समय का अंदाजा ही नही हुआ, और तू परेशान मत होना जब एक बार दिखी हे तो दोबारा भी ज़रूर दिख जाएगी और हाँ इस बार दिखे तो बात ज़रूर करना । ये दिल का मामला हे इसे तुझे ही हल करना होगा " जुनेद ने कहाँ
चल यार अब मैं चलु कही दोनों बहने चली ही ना जाए और आइसक्रीम भी पिघल जाएगी। और हाँ भाभी को मेरा सलाम कहना और सब घर वालो को भी । तबरेज ने उससे हाथ मिलाते हुए कहाँ।
"ठीक हे , तू भी ज्यादा मत सोचना जो होगा अच्छा होगा अगर उसके साथ तेरी किस्मत जुडी हे तो वो तुझे दोबारा ज़रूर दिख जाएगी किसी रोज़। सबको मेरा सलाम कहना और खाला से कहना किसी दिन चक्कर लगाए हमारी तरफ " जुनैद ने कहाँ और अपने रास्ते चला गया ।
तबरेज ने एक गहरी सी सास ली और मुस्कुरा कर कहाँ " पागल कही का ना जाने क्या क्या कह गया "
थोड़ी देर बाद उसने अपने घर के दरवाज़े पर दस्तक दी।
"लो तुम्हारे भाई जान आ गए " आमना ने अपनी बेटियों सी कहाँ
आरिफ उठा और जाकर दरवाज़ा खोलने लगा ।
आरिफ ने तबरेज को सलाम किया और उसे घर के अंदर आने को कहाँ।
तबरेज ने सबको सलाम किया तभी ऐमन और मिराल ने भी भाई को सलाम किया।
तबरेज ने उन्हें आइसक्रीम देते हुए कहाँ " ये लो तुम दोनों की पसंदीदा आइसक्रीम हे और हाँ इसमें तुम्हारी भाभी के लिए भी हे सब मत खा जाना "
"ओह भाई आपको अभी भी हमारी पसंद की आइसक्रीम पता हे " ऐमन और मिराल ने कहा
"मुझे नही पता होगी तुम्हारी पसंद ना पसंद तो फिर किसको होगी, तुम दोनों को मेने बेटियों की तरह पाला हे जाओ अब जाकर पहले आइसक्रीम खा लो जब तक मैं भी नहा लू फिर सब साथ में खाना खाएंगे ।
तुम दोनों के शोहर आएंगे खाने पर या नही " तबरेज ने पूछा
"नही भाई वो लोग नही आएंगे हम लोग भी बस खाना खाकर चले जाएंगे। काफी देर हो गयी हे वैसे भी ।
हम तो बस आपके आने का इंतज़ार कर रहे थे नही तो हम और पहले चले जाते।" मिराल ने कहा
"मैं समझा की तुम दोनों रुकने आयी हो इतनी जल्दी क्यू जा रही हो एक दो राते तो रुको कम से कम " तबरेज ने कहा
"भाई जान अब हम आपकी शादी पर आएंगे रुकने के लिए , बताइये ना कब शादी कर रहे हे देखे मेरा शादी का जोड़ा भी छोटा हो रहा हे और पुराना भी बस अब आप भी शादी कर लीजिये " ऐमन ने मुस्कुरा कर आइसक्रीम खाते हुए कहा
"उफ़ ये शादी, तुम लोगो को और कोइ बात नही सूजती हे मेरी शादी के अलावा कितनी बार बताया हे कि अभी कुछ ज़रूरी काम निबटाने हे उसके बाद कही सोचूंगा शादी के बारे में " तबरेज ने कहा
"भाईजान काम तो जिंदगी भर होते ही रहेंगे लेकिन शादी भी तो एक ज़रूरी काम है, एक सुन्नत है जो अदा करनी है ।" आरिफ ने कहा
"अब तुम भी शुरू हो गए आरिफ अपनी बहनो के साथ साथ । तुम तो मेरा साथ दो तुम तो मेरे भाई हो " तबरेज ने कहा
"नही भाई इस मामले में, मैं इन दोनों और अम्मी के साथ हूँ लेकिन जिंदगी के मामले में, मैं हर दम आपके साथ खड़ा हूँ "आरिफ ने कहा
"चलो तुम्हे भी देख लिया मेने आज तुम किस की तरफ हो " तबरेज ने कहा।
तभी दरवाज़े से एक और शख्स की एंट्री होती और वो भी अंदर उछलता कूदता आता और पूछता केसा डिस्कशन चल रहा है कोइ मुझे भी बताएगा या फिर मैं छोटा हूँ इसलिए मेरी अभी भी हर मामले में कच्ची टिकिया है । बचपन की तरह ।
"अरे ज़की ना कोइ सलाम ना दुआ बस ऊँट की तरह मुँह उठा कर अंदर चले आ रहे हो देख नही रहे हो सब तुम से उम्र में और ओदे में बढ़े है यहाँ " आमना ने कहा
"सॉरी, सॉरी मैं बिलकुल भूल गया वो दरअसल सब को इतने दिनों बाद एक साथ देखा तो थोड़ा भावुक हो गया इसलिए सब को इस इंजीनियर की तरफ से सलाम ।" जकी ने कहा
"ठीक है , ठीक है वैसे इतनी देर से क्यू आया कॉलेज से " आमना ने पूछा
"अरे छोड़े ना अम्मी, ये बताये यहाँ किस चीज की पंचायत लगी हुयी है " ज़की ने पूछा
"भाईजान की शादी की " ऐमन ने कहा
"हाँ, अब तुम भी इन सब के साथ मिल जाओ और मुझे शादी करने की नसीहत करो " तबरेज ने ज़की से कहा
"नही भाई मैं आपके साथ हूँ, single life is much better than married life, no चिक चिक no पिक पिक
सुबह आराम से उठो और रात को भी जब दिल चाहे घर में घुसो कोइ पूछने वाला नही की कहा थे, किसके साथ थे किया कर रहे थे " ज़की ने कहा
तभी आमना ने उसका कान पकड़ा और मरोड़ते हुए बोली " मैं बताती हूँ तुझे कौन सी लाइफ बेटर है और कौन सी नही अपने बढ़े भाई के सामने केसी बाते कर रहा हैं , बल्कि उससे कहने के कि भाई अब हम सब अपने पेरो पर खड़े हो चुके है अब आप भी अपना घर बसा लीजिये। तो उसे शादी ना करने के फायदे बता रहा है "
"अरे अम्मी मेरा कान तो छोड़ो मैं तो बस मज़ाक कर रहा था " ज़की ने कहा
सब लोग हसने लगे और मिराल बोली " सही करा अम्मी बहुत जुबान चला रहा था हमारा साथ देने के बजाये उलटी पट्टीया पड़ा रहा है भाई जान को "
"भाई जान खुदा के लिए अम्मी से कहे मेरा कान छोड़ दे मैं तो आपका ही साथ दे रहा था , मुझे किया पता था कि आपका साथ देने के चक्कर मैं मेरा कान ही मोड़ दिया जाएगा " ज़की ने कहा
"तब तबरेज ने कहा मैं तो चला नहाने और मुझे भूख भी लगी है तुम सब लोग करते रहो मेरी शादी का डिस्कशन आख़री फैसला तो मुझे ही करना है " ये कह कर तबरेज वहा से हस्ता हुआ चला गया ।
आमना ने भी जकी का कान छोड़ दिया। उसे अपना कान सेहलाता देख ऐमन और मिराल हस्ते हुए बोली " अच्छा सबक सिखाया अम्मी ने आज इस बन्दर को "
तभी ज़की गुस्से में उन दोनों के हाथ से आइसक्रीम छीन कर भाग गया और बोला " बन्दर कहा था ना, अब बंदरियो की तरह मेरे पीछे भागती रहो अपनी आइसक्रीम लेने के लिए "
ऐमन और मिराल दोनों उसके पीछे भागती रही । फरिया भी रसोई घर में चली गयी ।
आरिफ ने ज़की को डांटा और वो भी उसके पीछे भागा और अपनी बहनो को तंग करने से रोकने लगा ।
उनके घर में ख़ुशी का माहौल था । आमना ने हाथ फेला कर आसमान की तरफ देख कर दुआ की " ए खुदा मेरे घर वालो को हमेशा ऐसे ही खुश और आबाद रखना भाई भाई में प्यार हमेशा हमेश क़यामत तक ऐसे ही कायम रहे आमीन "
तबरेज अपने कमरे में अलमारी से रखे कपडे निकालने लगा तभी उसने अपना चेहरा शीशे में देखा तब उसे अपनी माँ और बहनो द्वारा उसकी शादी की बात याद आ गयी ।
तभी उसे वो लड़की भी याद आ गयी जिसे उसने आइसक्रीम के ठेले पर देखा था । वो शीशे में देख मुस्कुरा रहा था और कपडे लेकर बाथरूम में चला गया ।
आगे की कहानी में किस तरह के मोड़ आएंगे किया इन भाई बहन का प्यार यूं ही बरकरार रहेगा या फिर किसी और के आ जाने से ये भी और लोगो की तरह एक दूसरे से अलग हो जाएंगे और किया तबरेज की दूसरी मुलाक़ात हो पायेगी ज़ोया से जानने के लिए पढ़ते रहिये धारावाहिक के नए एपिसोड में हर सोमवार को । जब तक के लिए धन्यवाद ।
Seema Priyadarshini sahay
23-May-2022 09:36 PM
बहुत ही बेहतरीन रचना
Reply
Zakirhusain Abbas Chougule
23-May-2022 10:18 AM
Nice
Reply
Gunjan Kamal
23-May-2022 09:54 AM
शानदार भाग
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